गणेश चतुर्थी पर निबंध।

 गणेश चतुर्थी


गणेश चतुर्थी भारत में हिन्दू धर्म के एक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है जो विशेष रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, कर्णाटक, और अंध्र प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान गणेश के आगमन की खुशी में मनाया जाता है और आम तौर पर चौथे दिन को मनाया जाता है, जिसे "गणेश चतुर्थी" के रूप में जाना जाता है।

इस दिन, लोग भगवान गणेश की मूर्तियों की स्थापना करते हैं और पूजा अर्चना करते हैं। मूर्तियों को सुंदरता से सजाया जाता है और उन्हें फूल, धूप, और मिठाई से सजाकर उनका आदर किया जाता है। इसे गणपति विसर्जन के साथ पांच, सात, या दस दिनों तक मनाया जा सकता है, और इस प्रक्रिया के बाद गणेश जी की मूर्तियों को समुद्र में विसर्जित किया जाता है।

यह त्योहार सामाजिक समरसता और साझा धार्मिक भावना की प्रतीक है। लोग इसे परिवार और दोस्तों के साथ मनाते हैं, गीत गाते हैं, और खास भोजन तैयार करते हैं। यह त्योहार भगवान गणेश की आराधना के साथ-साथ एकता और समरसता की भावना को मजबूत करता है।

गणेश चतुर्थी का आयोजन हिन्दू धर्म के अनुसार किया जाता है, लेकिन इसका महत्व और प्रतिष्ठा कई धार्मिक समुदायों में होता है, और यह भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥


अर्थ - घुमावदार सूंड वाले, विशाल शरीर काय, करोड़ सूर्य के समान महान प्रतिभाशाली।

मेरे प्रभु, हमेशा मेरे सारे कार्य बिना विघ्न के पूरे करें (करने की कृपा करें)॥

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