रक्षा बंधन का पावन अवसर




प्रस्तावना:

भारतीय संस्कृति में त्योहारों का विशेष महत्व होता है और रक्षा बंधन उन त्योहारों में से एक है। यह त्योहार भाई-बहन के आपसी प्रेम और समर्पण का प्रतीक होता है जो उनके बीच संबंध की मजबूती को प्रकट करता है। इस निबंध में हम रक्षा बंधन के महत्व, उसकी परंपरा, और इसका उद्देश्य जानेंगे।

महत्व:

रक्षा बंधन, हर साल श्रावण मास के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर एक पवित्र धागा यानी राखी बांधती है और उसकी लम्बी आयु और सुरक्षा की कामना करती है। इसके बदले में भाई अपनी बहन को उपहार देता है और उसका आशीर्वाद लेता है।

परंपरा:

रक्षा बंधन का प्रारंभ पुरातन भारत में हुआ था। महाभारत काल में भीष्म पितामह के वचनों के आधार पर कुंती ने कर्ण से राखी बांधी थी और उसके रक्षण की कामना की थी। इस प्रकार रक्षा बंधन का अद्वितीय महत्व और मान्यता रही है।

उद्देश्य:

रक्षा बंधन का मुख्य उद्देश्य भाई-बहन के प्रेम को समर्थन देना है। यह एक ऐसा विशेष मौका होता है जब भाई अपनी बहन के प्रति अपनी परिपूर्ण स्नेहभावना को प्रकट करता है और उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी स्वीकारता है। इसके साथ ही बहन भी अपने भाई के उत्तराधिकारी रूप में उसके प्रति अपनी आदर्श भावना को प्रकट करती है।

निष्कर्ष:

रक्षा बंधन एक महत्वपूर्ण और सामाजिक त्योहार है जो हमें परिवार के सदस्यों के प्रति स्नेह और समर्पण की महत्वपूर्णता को समझाता है। यह संबंधों को और भी मजबूत बनाने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान करता है और एक उत्तराधिकारी और संरक्षित भविष्य की कामना करता है।


इस प्रकार, रक्षा बंधन एक ऐतिहासिक परंपरा और आपसी स्नेह-बंधन का प्रतीक है जो हमारी संस्कृति और मूल्यों की महत्वपूर्ण हिस्सा है।

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