सावन महीने में शिव की पूजा की जाने की प्रथा हिन्दू धर्म में प्रमुखता से मान्यता प्राप्त है। सावन (Sawan) महीना हिन्दू कैलेंडर के मासिक पक्ष का एक महीना होता है, जो आदिग्रंथ और विभिन्न पुराणों में महत्वपूर्ण माना जाता है। इस मास में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व दिया जाता है और भक्तों द्वारा उनका विशेष आराधना किया जाता है।
सावन में शिव की पूजा की प्रमुख कारणों में से कुछ निम्नलिखित हैं:
1. मानसिक और शारीरिक शुद्धि: सावन महीने को तप, व्रत और ध्यान करने का उपयुक्त माना जाता है। यह महीना शारीरिक और मानसिक शुद्धि की अवधि होती है और लोग शिव की पूजा करके उनकी कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।
2. महादेव की भक्ति: सावन महीने में भगवान शिव की भक्ति करने का अवसर मिलता है। इस मास में लोग उनकी पूजा, आराधना, जाप और स्मरण करते हैं। वे शिवलिंग पर जल, धूप, बेल पत्र, बिल्व पत्र, धातु के ब्रत्ती, फूल आदि चढ़ाते हैं और शिव के नाम का जाप करते हैं।
3. सावन सोमवार: सावन महीने में सोमवार को विशेष महत्व दिया जाता है क्योंकि सोमवार को भगवान शिव का दिन माना जाता है। हर सोमवार को शिव की पूजा और आराधना करने से उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है। सावन महीने में सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा की विशेषता होती है और लोग उन्हें भक्ति और समर्पण के साथ आराधते हैं।
4. सावन कथा: सावन महीने में कई पुराणों और कथाओं का वर्णन शिव के बारे में किया जाता है। इन कथाओं के माध्यम से भक्तों को शिव के गुणों, लीलाओं और महत्व का ज्ञान मिलता है। इसके अलावा, इन कथाओं से लोगों को धार्मिक महत्वपूर्ण संदेशों का भी प्राप्त होता है।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्।।
इस प्रकार, सावन महीने में भगवान शिव की पूजा का महत्वपूर्ण समय होता है और इस महीने की विशेषता और महत्वपूर्णता को हिन्दू समुदाय विशेष आदर देता है।
हर हर महादेव