उसकी शादी का बुलावा || हिंदी कविता || Her wedding invitation || Hindi Poem - 2022

 

My Daily Thoughts


''उसकी शादी का बुलावा " 

तुम अपनी शादी का बुलावा देना मैं आऊंगा ज़रूर ।

ज्यादा देर के लिए ना सही, लेकिन मैं आऊंगा ज़रूर .......।।

उस रात मैं जिंदगी में आखिरी बार नाचूंगा।

जिस दिन मैं तेरी बारात में नाचूंगा 

और अपने गम को अपने दिल में ही कहीं दबा लूंगा मैं 

यह मेरा आखिरी दिन हैं तेरे साथ, यह भी सह लूंगा मैं । 

तुम शादी का बुलावा देना मैं आऊंगा ज़रूर ।

ज्यादा देर के लिए ना सही, लेकिन मैं आऊंगा ज़रूर....... ।। 

तेरे साथ बैठ के ना सही, लेकिन तुझे देखते-देखते दो निवाला ही सही पर मैं खाऊंगा ज़रूर ।

आखिर कब तक  यूँ आंसुओं से पेट भरता रहूंगा ।

ऐसे कब तक तुझे मैं याद करता रहूंगा ।। 

जब वो तेरे गले में वरमाला डालेगा मैं देख तो नहीं पाऊंगा, लेकिन फिर भी मैं आपनी नम आंखों से वो नज़ारा भी देखूंगा ज़रूर।।

जिसका ख़्वाब मैंने तेरे साथ देखा था 

अधूरा सपना ही सही पर कितना सुंदर देखा था ।। 

लेकिन, तुम शादी का बुलावा देना मैं आऊंगा ज़रूर।

ज्यादा देर के लिए ना सही , लेकिन मैं आऊंगा ज़रूर....... ।। 

फिर वो वक्त भी आएगा ।

जब मंडप के नीचे बैठा वो सख्स तुम्हारी मांग में अपने नाम का सिन्दूर स जाएगा

और मेरे नाम की जगह अपने नाम का तुम्हरे गले में मंगलसूत्र भी पहनाएगा, 

और मैं वहां तेरे सामने बैठा ये सब देखता रहूंगा।

उस वक्त मेरी आंखों से गिरते , उन आंसुओ को कौन  संभालेगा। तुम ? 

फिर भी, तुम शादी का बुलावा देना मैं आऊंगा ज़रूर।

ज्यादा देर के लिए ना सही , लेकिन मैं आऊंगा ज़रूर .......।। 

मुझे सारी रात रुक कर तेरी शादी देखनी हैं ।

सात वचनों का जब वादा लोगी तुम , तब मुझे  तेरी आँखों में  वो सर्म देखनी हैं 

उस दिन अग्नि की लपटें ही नही, मेरे दिल की धड़कन भी तेज होंगी ।

जब तू मेरी रूह से हट कर उसकी होगी ।। 

पर तुम शादी का बुलावा देना मैं आऊंगा ज़रूर।

ज्यादा देर के लिए ना सही , लेकिन मैं आऊंगा ज़रूर....... ।। 

वो आखरी लम्हा जब तुम मुझे छोड़ कर अपने नए जीवन की नई परिभाषा लिखोगी ।

एक नए शहर और नए लोगों के बीच अपनी ज़िंदगी की शुरुआत  करोगी।

अब यह भी मैं देख लूंगा।

तुझसे जुदा होने का यह आखिरी लम्हा भी मैं सह लूंगा।। 

और तुम घबराओ मत मैं किसी से कुछ नही कहूंगा।।

अपने सारे गम के आंसुओं को ज़हर समझ कर पी लूंगा ।। 

अगर कोई पुछेगा मुझसे कि इतनी रुक्सत के बाद भी आंखों में एक आंसु क्यो नहीं, 

मैं हस के बोल दूंगा की मेरे महबूब की शादी हैं  मैं नाचूं क्यों नहीं..........!!! 

"तू मेरी ज़िंदगी का वो ख़ास इंसान हैं,

जिसकी कमी कभी कोई सख्स पूरी नहीं कर सकता"

10 Comments

please do not enter any spam link in the comment box.

Previous Post Next Post