!! एक सपना हैं मेरा, क्या आप उसको सजाने दोगे !!
एक सपना हैं मेरा, क्या आप उसको सजाने दोगे ।
हाथ खाली हैं आपका, क्या मुझको थामने दोगे ।
एक सपना हैं मेरा, क्या आप उसको सजाने दोगे।।
यूँ सुनी कलाई आप पर अच्छी नही लगती।
कुछ चूड़ी ले आऊं में आपके लिए ,
तो क्या आप उनको पहनाने दोगे ।।
एक सपना हैं मेरा, क्या आप उसको सजाने दोगे ।
हाथ खाली हैं आपका, क्या मुझको थामने दोगे ।
एक सपना हैं मेरा, क्या आप उसको सजाने दोगे।।
यूँ सुनी मांग आप पर अच्छी नही लगती।
सिंदूर की डिब्बी ले आऊं में आपके लिए ,
तो क्या आप अपनी मांग भरने दोगे।।
एक सपना हैं मेरा , क्या आप उसको सजाने दोगे।
हाथ खाली हैं आपका, क्या मुझको थामने दोगे ।
एक सपना हैं मेरा, क्या आप उसको सजाने दोगे।।
सुना हैं अकेले चलना आपको पसंद नही ।
में आपकी जिंदगी का हमसफर बन जाऊं ,
तो क्या आप बनने दोगे ।
एक सपना हैं मेरा , क्या आप उसको सजाने दोगे।
हाथ खाली हैं आपका, क्या मुझको थामने दोगे ।
एक सपना हैं मेरा, क्या आप उसको सजाने दोगे।।
- Rishabh Jha
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Hindi Poetry