तुम्हारा खत | हिंदी कविता | Tumhara khat | Your letter | Hindi Poetry | 2021

 हेल्लो दोस्तो हम आपके लिए लेके आएं हैं एक खूबसूरत सी  प्रसिद्ध हिंदी कविता। में आशा करता हूँ आप सभी को यह कविता बहुत पकसन्द आएंगी। आप इस कविता को पढ़िए ओर हम को कमेन्ट कर के जरूर बताइयेगा के आप सभी की कविता कैसी लगी ।

My daily thoughts

"तुम्हारा ख़त"

अंदर से अकेला हूं

अब तुम्हारी याद नहीं आती

पर दिल करता है एक बार देखूं तुम्हें

और पूछूं, कैसी हो तुम.....।

3 साल हुए तुम्हे देखे

तुम्हारी एक टक नज़रों से सामना हुए

अब तुम्हारी याद नही आती

अब तुम्हारे सपने नही आते......।

ना ही किसी और के

जब से तुम्हे पाने की आस खोई

सब कुछ खो गया

आज तक नहीं उभर पाया

उस अकेलेपन से

आज भी किसी के बारे में नही सोच पाता

जब भी बैठता हूं दोस्तो के बीच

तुम ही होती पहला सवाल सबका

मुझसे पूछते है हाल तुम्हारा

अब कैसे बताऊं उन्हें......।

तुमने ही नही कभी मेरा हाल ना जाना

तो मैं कैसे कुछ कर पाता

बस एक ही चाहत थी मेरी

तुमको जिंदगी में लाने की

तुमको चाहने की

अधूरी रह गई.......।

पता नहीं ये क्या है पर जो भी है

मुझे किसी और का होने का

मन ही नहीं करता

कुछ तो किया है तुमने

अब ये तो तुम ही जानो......।

हर ग़ज़ल में कहीं न कहीं तुम्हार चेहरा है

मैं याद नहीं करता तुम्हें

बस कभी गुस्सा आता है

कभी हँसी आती है अपने आप पे

मुझे पता है तुम अब कभी नहीं आओगी

लेकिन दिल हैं कि मानता नहीं.......।

अगर चाहो आना पास कभी

या चाहिए हो रास्ता किसी मुश्किल का

हाजिर रहूंगा मैं बशर्ते

परिस्थिति बनाना तुम।

- karan Ahirwar 


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